सोमवार, मई 14, 2012

गृहमंत्री ने स्पष्ट कहा

आतंकवाद से निपटने के लिए संस्‍थागत व्‍यवस्‍था की आवश्‍यकता
देश में आतंकवाद का खतरा बड़े स्‍तर पर बरकरार है और इसका सामना करने के लिए हमें एक संस्‍थागत व्‍यवस्‍था की जरूरत है। स्थिति की ग‍ंभीरता को देखते हुए राष्‍ट्रीय आतंक निरोधी केन्‍द्र– एनसीटीसी के गठन में हर दिन की देरी खतरे को और बढ़ा रही है। केन्‍द्रीय गृहमंत्री श्री पी. चिदम्‍बरम ने आज सलाहकार समिति के सदस्यों से यह बात कही। उन्‍होंने कहा कि नक्‍सलवाद और पूर्वात्‍तर में उग्रवाद अब आतंकवादी रूख लेता जा रहा और इनका सामना करने के लिए हमें एक संस्‍थागत व्‍यवस्‍था की जरूरत है। श्री चिदम्‍बरम ने कहा कि आतंकवाद का सामना केवल पुलिस अभियान के तौर पर नहीं बल्कि हमें आतंक निरोधी संगठन की आवश्‍यकता है जिसमें देश की ताकत के सभी तत्‍व- कूटनीतिक, वित्‍तीय, जांच, खुफिया और पुलिस बल संगठित रूप से शामिल हों।

सदस्‍यों ने बढ़ती आतंकवादी गतिविधियों और सीमापार आतंकवाद तथा नकली नोटों की तस्‍करी और उन्‍हें फैलाए जाने के प्रति चिंता जताई। उन्‍होंने वैश्विक आयाम ले चुके आतंकवाद का सामना करने के लिए एक मजबूत व्‍यवस्‍था बनाने पर जोर दिया । कुछ सदस्‍यों ने इस संदर्भ में एनसीटीसी को जल्दी अंतिम रूप दिए जाने की सलाह दी। सदस्‍यों ने हवाला फंड को भी बंद किये जाने की सलाह दी। सलाहकार समिति के सदस्‍यों ने अफीम और दूसरी नशीली दवाओं की बढ़ती समस्‍या और पंजाब में बढ़ते आतंकवाद पर भी चिंता जताई। उन्‍होंने इसे पाकिस्‍तान से जोड़ते हुए और इनका सामना करने के लिए कठोर उपाय सुझाए।

इससे पहले चर्चा की शुरूआत करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि स्‍थापित आतंकनिरोधी ढांचे में मल्‍टी एजेंसी केन्‍द्र (एमएसी) और सहायक मल्‍टी एजेंसी केन्‍द्रों (एसएमएसी), राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और राष्‍ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) शामिल है। नेटग्रिड तथा अपराध और आपराधिक तलाश नेटवर्क व्‍यवस्‍था स्‍थापित कर दी गई है पर आतंकनिरोधी केन्‍द्र अभी स्‍थापित नहीं किया जा सका है। उन्‍होंने कहा कि केन्‍द्र सरकार द्वारा राज्‍य पुलिस बलों के आधुनिकीकरण-एमपीएफ की समीक्षा की जा रही है और इसे 31 मार्च 2011 के बाद भी बढ़ाया गया है। योजना के दूसरे चरण की संकल्‍पना का काम भी शुरू हो गया है। एमपीएफ योजना के तहत वर्ष 2009 से 2011 तक 745 नये पुलिस थाने स्‍थापित किये गये है। इसके अतिरिक्‍त 17824 वाहन, 26465 बुलेट प्रुफ जैकेट और 107786 हथियार राज्‍यों और केन्‍द्र शासित पुलिस बलों को मुहैया कराए गये हैं। नक्‍सल प्रभावित इलाकों में निर्धनता से निपटने के लिए कई विकास परक योजनाएं समेकित कार्य योजना (आईएपी) के तहत चलाई जा रही हैं।

सरकार की नीति खुफिया जानकारी पर आधारित अभियान चलाकर आतंकवादियों, जासूसों, मॉड्यूलों के खतरों को निक्रिय करने की है। इस काम को केन्‍द्रीय और राज्‍य की सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों द्वारा समन्वित और सतत रूप से किया जा रहा है। इसके परिणामस्‍वरूप 51 पाक समर्थित आतंकवादियों/ जासूसी मॉडयूल को देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में पता लगाकर नष्‍ट किया गया है।

सलाहकार समिति की बैठक में श्री एच. के. दुआ (मनोनीत), आंधप्रदेश से कांग्रेस के श्री मोहम्‍मद अली खान, उत्‍तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी के राज्‍यसभा सांसद विनय कटियार, बहुजन समाज पार्टी के उत्‍तर प्रदेश से श्री भीष्‍म शंकर उर्फ कुशल तिवारी, कर्नाटक से भारतीय जनता पार्टी के श्री डी.बी. चन्‍द्रेगौडा, मणिपुर से कांग्रेस के डॉ. थोकचोम मेनया, दिल्‍ली से कांग्रेस के लोक सभा सांसद श्री महाबल मिश्रा, गृहमंत्रालय में राज्‍यमंत्री श्री मुल्‍लापल्‍ली रामचन्‍द्रन और श्री जितेन्‍द्र सिंह शामिल हुए।  (पीआईबी )
11-मई-2012 20:12 IST